औरंगाबाद. कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर और लॉकडाउन की आफत का सबसे ज्यादा असर गरीब मजदूरों पर पड़ा है. लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से रोजगार ठप हो गया तो लाखों की संख्या में मजदूर जहां थे, वहां ही फंसे रह गए. ऐसे में जब खाने के लाले पड़े तो मजूदर पैदल ही अपने घर के लिए रवाना हो लिए. करीब 20 मजदूर महाराष्ट्र (Maharashtra) से अपने घर पहुंचने की आस में पैदल ही निकले थे, लेकिन करीब 50 किमी दूर चलने पर 16 मजदूरों का ये सफर जिंदगी का आखिरी सफर बन गया.
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बदनापुर-करमाड रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह एक मालगाड़ी ने 16 मजदूरों को कुचल दिया, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई. बताया जा रहा है कि 20 मजदूर 150 रोटियां और एक टिफिन चटनी लेकर घर के लिए निकले थे. सभी की उम्र 21 से 45 साल के बीच थी. लेकिन जलाना से करीब 50 किमी दूर औरंगाबाद में जब थक गए तो सोचा खाना खाकर थोड़ा आराम कर लिया जाए.
इस हादसे में बाल-बाल बचे सज्जन सिंह ने बताया कि भूख इतनी तेज लगी थी कि ट्रैक पर बैठकर ही सब खाने लगे. खाना खाने के बाद सबने कहा कि कुछ देर आराम कर लिया जाए और फिर सफर शुरू करेंगे. सज्जन ने बताया कि भूखे पेट को रोटी मिली थी, इसलिए, पटरी का सिरहाना और गिट्टियां भी नहीं अखरीं. पटरी पर सो गए. नींद खुली तो भयानक मंजर था. मैं पटरी नजदीक सो रहा था जिस वजह से मेरी जान बच गई, लेकिन मेरे 16 साथियों की मौत हो गई.