सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के भत्तो पर लगाई रोक

सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के भत्ते रोक कर उनके प्रति अन्याय किया है. एक तरफ तो सरकार उनको योद्धा कहकर सम्मानित कर रही है और दूसरी तरफ उनके हितों की अनदेखी कर रही है. जबकि डाॅक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस और जवान रात दिन राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं. इनमें से कितने कर्मचारियों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा है. ऐसे में सरकार द्वारा इनके भत्ते पर रोक लगाना न्यायपूर्ण नहीं लगता.



यह ध्यान देने की बात है कि देश के लगभग हर विभाग ने इस आपातकाल की स्थिति में सरकार की मदद की है. व्यापारी, उद्योगपति, नौकरीपेशा हर वर्ग ने सरकार के पीएम ट्रस्ट में दान देकर अपना सहयोग दिया है. इस महामारी से दिन रात लड़ने वाले योद्धाओं को हमें नमन् करना चाहिए जो अपने घर व बच्चों को छोड़कर रात दिन देश सेवा में जुड़े हुए हैं. सरकार को इन योद्धाओं को मिलने वाली इस प्रकार की आर्थिक मदद को नहीं रोकना चाहिए. भले ही सरकार को अपने अन्य खर्चो पर वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए रोक लगा देनी चाहिए. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी सरकार के इस कदम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को इस प्रकार का  कदम नहीं उठाया चाहिए.